असंभव को संभव बनाने के ३ आसान उपाय

केवल एक शब्द जो असंभव को संभव बना देता है केवल जिसे बदलकर आप भी असंभव को संभव बना सकते है। क्या आप जानने के लिए उत्साहित है वह कौन सा शब्द है? कैसे आप असंभव को संभव बना सकते है ?

नमस्कार दोस्तों, मै आपसे से एक प्रश्न पूछता हूँ

क्या आप डान्स करते हो? उत्तर …………………….…….……………….

एक और प्रश्न, क्या सभा सम्बोधित करते हो? उत्तर ……………….………………………….…….

ये प्रश्न काफी साधारण है और यदि प्रश्न साधारण होगा तो उत्तर भी काफी साधारण “हां” या “ना” में ही होगा। यदि आप डान्स करना जानते हो तो आपका उत्तर “हां” और यदि नहीं जानते हो तो आपका उत्तर “नहीं” ही होगा। मेरे दोस्त इन दोनों के अलावा एक और भी उत्तर है जो असंभव को संभव बना सकता हैं | क्या आप उस उत्तर को जानने के लिये उत्सुक है?

 वह है “हां मैं डान्स करता हॅु लेकिन अच्छा नहीं” या “हां मैं सभा सम्बोधित करता हूँ लेकिन अच्छा नहीं”|

Effect of saying No

आपके दिमाग में ढेर सारे प्रश्न आ रहे होगें की “हां मैं करता हॅु लेकिन अच्छा नहीं” कैसे यह असंभव को संभव बना सकता है लेकिन चिन्ता ना करें थोड़ा धैर्य रखे मै यहां प्रस्तुत करने जा रहा हॅु कैसे यह असंभव को संभव बना सकता है।

अपने कार्य को “ना” कहने का प्रभाव

दोस्तों, मुख्यतः यह हमारी मानसिक अवधारणा का कमाल है जब हम डान्स करना जानते है तो जब भी हमें डान्स करने का अवसर मिलता है हम डान्स करते है

और यदि हम नहीं जानते है तो हम नहीं करते है जबकी हमे जीवन को बदलने वाले डान्स करने के अवसर मिलें हो तो भी| क्योंकि “नहीं” शब्द कभी हमें कोशिश करने के लिए उत्साहित नहीं करता, हमेशा हतोत्साहित या कोशिश करने से रोकता है।

हम अच्छे से जानते है कि “कोशिश न करना और अभ्यास न करना का अर्थ स्किल (गुण)का नहीं होना होता है।”

एक और चीज, जब हमारे दिमाग में “नहीं” आता है तो वह सारे रास्ते को ब्लाक व अन्य सभी तरीकों को छुपा देता है। और हमारे दिमाग को खाली कर देता है और इन सब का अर्थ है, कोई आशा नहीं। और कभी–कभी आशाओं का खो जाना डिप्रेसन में जाने मे मदद करता है।

दोस्तो, जैसा की हम अच्छे से जानते है जो भी स्किल हमारे पास है वह सभी हम इस धरती पर बार–बार करके सीखें है। और जो हमारे पास नहीं है उसे हमने कभी कोशिश नहीं किया या दो–चार बार करने के बाद छोड़ दिया। जो हमारे दिमाग की अवधारणा बन गयी की “मैं नहीं जानता” या “मैं नहीं करता” और यह अवधारण लम्बे समय के बाद भी हमें कोशिश करने के लिए उत्साहित नहीं करती, यह एक बिलीव सिस्टम जैसा ही है।

जैसे–एक छोटा हाथी किसी मजबूत चैन में बंधा होता है और उसे तोड़ने की पूरी कोशिश करता है लेकिन तोड़ नहीं पाता है। और बाद में जब बड़ा हाथी बन जाता है और उसे कमजोर रस्सी में भी बांध दिया जाता है तब भी वह उसे तोड़ने की कोशिश नहीं करता जब की उसे आसानी से तोड़ सकता है। क्योकिं “नहीं” कभी कोशिश करने के लिए हमें उत्साहित ही नहीं करता है।

कैसे “ना” को “हा” में बदले

Impossible to possible

अब बात आती है कि इस “नहीं” के लिए क्या करे? तो हमें “नहीं” कहना बन्द व “हां करते है। लेकिन अच्छा नहीं” कहना प्रारम्भ करना हैं। मतलब हमें “नहीं” को “हां करते है लेकिन अच्छा नहीं” से बदलना है। और यह नया उत्तर करने के कई तरीकों को सुझायेगा क्योकिं जहां चाह होती है वहां राह भी होती है। और यह अथक सत्य है कि “मै अच्छा नहीं करता हॅु” को बार बार अभ्यास करके “मैं अच्छा करता हॅु” में बदला जा सकता है।

यह संसार की वास्तविकता है कि सभी लोग बराबर नहीं होते और कोई भी पूर्ण नहीं होता, केवल अच्छा या बहुत अच्छा या सबसे अच्छा होते है। जो अभ्यास के द्वारा बना जा सकता है।

अपने आप को “नहीं” से “हां करता हॅु लेकिन अच्छा नहीं” तक और “हां करता हॅु। लेकिन अच्छा नहीं” को “हां और बहुत अच्छा” तक पहॅुचाना दिखाता है कि आपने असंभव को संभव कर दिया है।  यदि चरणबद्ध करें तो, कुछ इस प्रकार से होगा।

Yes I do

३ चरणों में असम्भव को संभव बनाये –

  1. “ना” कहना बंद करें
  2. ”हाँ लेकिन अच्छा नहीं ” कहना और अभ्यास करना प्रारम्भ करें
  3. अभ्यास करें और ”हाँ लेकिन अच्छा नहीं ” को ”हाँ और अच्छा ” में परिवर्तित करें

निष्कर्ष

“नहीं” हमें कभी-भी कोशिश करने के लिए उत्साहित नहीं करता है। और “हाँ करता हु लेकिन अच्छा नहीं” हमें और अधिक अच्छा बनने के लिए हमें उत्साहित करता है। इसीलिए हमें “नहीं” को “हाँ मैं करता हॅु लेकिन अच्छा नहीं” से बदलना है। अपने वांछित कार्य को करना और अभ्यास करना प्रारम्भ करना है क्योकिं “अभ्यास एक आदमी को पूर्ण बनाता है

Success: Make the Impossible Possible by 3 easy steps